श्री कृष्ण जी की आरती | Shri Krishna Ji Ki Aarti in Hindi & English with Meaning and Benefits | भगवान श्री कृष्ण, विष्णु भगवान के आठवें अवतार हैं।
वे प्रेम, भक्ति, और धर्म के प्रतीक माने जाते हैं।
श्री कृष्ण जी की आरती करने से मन में आनंद, प्रेम और शांति का अनुभव होता है।
विशेष रूप से जन्माष्टमी, गुरुवार या दैनिक पूजा के समय उनकी आरती अत्यंत शुभ मानी जाती है।
श्री कृष्ण जी की आरती (Shri Krishna Ji Ki Aarti in Hindi)
आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
गले में बंसी विराजे, वनमाला विराजत पीताम्बर बारी की॥
आरती कुंज बिहारी की॥
कन्हैया ललिता संग रास रचावे, राधा के संग मन भावे।
गोपियों संग खेलन जाय, मुरली की धुन मन भाय॥
आरती कुंज बिहारी की॥
कृष्ण कन्हैया नंदलाल, यशोदा के प्यारे गोपाल।
माखनचोर बाल ग्वाल, मुरलीधर गिरिधर लाल॥
आरती कुंज बिहारी की॥
नैनों से प्रेम छलकावे, मुख से मधुर मुस्कावे।
शरण पड़े जो तव द्वारे, तिनके सब दुख भागे॥
आरती कुंज बिहारी की॥
जय जय श्री राधे श्याम, प्रेम भक्ति के श्री धाम।
सबको दे सुख-शांति अपार, वंदन करूँ बारंबार॥
आरती कुंज बिहारी की॥
Shri Krishna Ji Ki Aarti (English Transliteration)
Aarti Kunj Bihari Ki, Shri Giridhar Krishna Murari Ki,
Gale Mein Bansi Viraje, Vanmala Virajat Peetambar Bairi Ki.
Aarti Kunj Bihari Ki.
Kanhaiya Lalita Sang Raas Rachave, Radha Ke Sang Man Bhave,
Gopiyon Sang Khelan Jaay, Murli Ki Dhun Man Bhaay.
Aarti Kunj Bihari Ki.
Krishna Kanhaiya Nandalal, Yashoda Ke Pyare Gopal,
Makhan Chor Baal Gwal, Murlidhar Giridhar Laal.
Aarti Kunj Bihari Ki.
Naino Se Prem Chhalkave, Mukh Se Madhur Muskaave,
Sharan Pade Jo Tav Dware, Tinke Sab Dukh Bhaage.
Aarti Kunj Bihari Ki.
Jai Jai Shri Radhe Shyam, Prem Bhakti Ke Shri Dhaam,
Sabko De Sukh Shanti Apaar, Vandan Karun Baarambaar.
Aarti Kunj Bihari Ki.
🕉 Meaning / अर्थ
This Aarti praises Lord Krishna, the divine lover, protector, and guide of humanity.
He enchants the universe with his flute, spreads love through his leelas,
and blesses devotees with joy, peace, and spiritual wisdom.
श्री कृष्ण जी की आरती के लाभ (Benefits of Chanting Krishna Ji Ki Aarti)
- जीवन में प्रेम, आनंद और समृद्धि का वास होता है।
- मन और हृदय में शुद्धता आती है।
- तनाव, भय और चिंता दूर होती है।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है।
- भक्ति, करुणा और आध्यात्मिकता में वृद्धि होती है।
- भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद जीवन में सौभाग्य लाता है।
आरती कब और कैसे करें (When & How to Perform Aarti)
- दिन: जन्माष्टमी, गुरुवार, या दैनिक पूजा समय।
- समय: सुबह या शाम दीपक जलाकर करें।
- सामग्री: तुलसी पत्ता, माखन, फूल, दीपक और अगरबत्ती।
- आरती के बाद: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
जो व्यक्ति निष्ठा और प्रेम से श्री कृष्ण जी की आरती करता है,
उसके जीवन में भक्ति और प्रेम का प्रवाह बना रहता है।
श्री कृष्ण अपने भक्तों पर सदैव कृपा बरसाते हैं।
जय श्री कृष्ण 🙏 राधे राधे!
