Safala ekadashi 2024: महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त, सफला एकादशी 2024, सफला एकादशी की पूजा विधि, सफला एकादशी व्रत कथा, सफला एकादशी का महत्व, एकादशी व्रत के लाभ, भगवान विष्णु पूजा, पौष मास की एकादशी।
सफला एकादशी का महत्व
सफला एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। यह पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आता है। इसे भगवान विष्णु की आराधना और भक्ति के लिए समर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे सफलता, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सफला एकादशी व्रत की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक राजा महिष्मत नगर में राज्य करते थे। उनके चार पुत्र थे, जिनमें से लुम्पक नामक पुत्र पाप कर्मों में लिप्त था। उसे राजकाज से निकाल दिया गया। लुम्पक ने वन में रहकर पशुओं का शिकार और चोरी करना शुरू कर दिया। एक बार संयोगवश उसने सफला एकादशी का व्रत रखा और भगवान विष्णु की कृपा से उसे पापों से मुक्ति मिली। इस व्रत के प्रभाव से लुम्पक का जीवन बदल गया और उसे राजा के रूप में पुनः स्थान मिला।
सफला एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त 2024
- एकादशी तिथि प्रारंभ: 7 जनवरी 2024 को प्रातः 05:40 बजे
- एकादशी तिथि समाप्त: 8 जनवरी 2024 को प्रातः 06:20 बजे
- पारण का समय: 8 जनवरी 2024 को प्रातः 07:00 बजे से 09:15 बजे तक
सफला एकादशी व्रत की पूजा विधि
- प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के समक्ष दीप जलाएं।
- पीले फूल, तुलसी दल, धूप और नैवेद्य अर्पित करें।
- विष्णु सहस्रनाम, भगवद गीता या एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
- दिनभर उपवास रखें और मन में भगवान विष्णु का ध्यान करें।
- रात्रि जागरण करें और भगवान के भजन-कीर्तन में समय व्यतीत करें।
सफला एकादशी व्रत के लाभ
- सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है।
- जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।
- परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
सफला एकादशी से जुड़े धार्मिक उपाय
- इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
- भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
- व्रत के दौरान क्रोध, झूठ और अहंकार से बचें।
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
निष्कर्ष
सफला एकादशी व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और जीवन में सफलता प्राप्त करने का उत्तम माध्यम है। इस व्रत का पालन श्रद्धा और नियमपूर्वक करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति, पवित्रता और मोक्ष का लाभ मिलता है।