Rudraashtakam lyrics: इस ब्लॉग में सुनें प्रसिद्द रचना – Shiv rudrashtakam – जो भगवान शिव के अनेक गुणों की चर्चा करती है। इसमें हम rudrashtakam lyrics in hindi मे रुद्राष्टक का अर्थ सहित वर्णन हे । इसमें shiv rudrashtakam pdf भी आप डाउनलोड करके पढ़ सकते हो । rudrashtakam path करणे से एसके rudrashtakam benefits होंगे ।
Rudrashtakam Lyrics In Hindi
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजेहम्
निराकारमोङ्करमूलं तुरीयं
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।
करालं महाकालकालं कृपालं
गुणागारसंसारपारं नतोहम्
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभिरं
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।
त्र्यःशूलनिर्मूलनं शूलपाणिं
भजेहं भवानीपतिं भावगम्यम्
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी
न यावद् उमानाथपादारविन्दं
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं
न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो
Rudrashtakam Meaning In Hindi
हे भगवन ईशान को मेरा प्रणाम ऐसे भगवान जो कि निर्वाण रूप हैं जो कि महान ॐ के दाता हैं जो सम्पूर्ण ब्रह्माण में व्यापत हैं जो अपने आपको धारण किये हुए हैं जिनके सामने गुण अवगुण का कोई महत्व नहीं, जिनका कोई विकल्प नहीं, जो निष्पक्ष हैं जिनका आकार आकाश के समान हैं जिसे मापा नहीं जा सकता उनकी मैं उपासना करता हूँ |
जिनका कोई आकार नहीं, जो ॐ के मूल हैं, जिनका कोई राज्य नहीं, जो गिरी के वासी हैं, जो कि सभी ज्ञान, शब्द से परे हैं, जो कि कैलाश के स्वामी हैं, जिनका रूप भयावह हैं, जो कि काल के स्वामी हैं, जो उदार एवम् दयालु हैं, जो गुणों का खजाना हैं, जो पुरे संसार के परे हैं उनके सामने मैं नत मस्तक हूँ |
जो कि बर्फ के समान शील हैं, जिनका मुख सुंदर हैं, जो गौर रंग के हैं जो गहन चिंतन में हैं, जो सभी प्राणियों के मन में हैं, जिनका वैभव अपार हैं, जिनकी देह सुंदर हैं, जिनके मस्तक पर तेज हैं जिनकी जटाओ में लहलहारती गंगा हैं, जिनके चमकते हुए मस्तक पर चाँद हैं, और जिनके कंठ पर सर्प का वास हैं |
जिनके कानों में बालियाँ हैं, जिनकी सुन्दर भौंहें और बड़ी-बड़ी आँखे हैं जिनके चेहरे पर सुख का भाव हैं जिनके कंठ में विष का वास हैं जो दयालु हैं, जिनके वस्त्र शेर की खाल हैं, जिनके गले में मुंड की माला हैं ऐसे प्रिय शंकर पुरे संसार के नाथ हैं उनको मैं पूजता हूँ |
जो भयंकर हैं, जो परिपक्व साहसी हैं, जो श्रेष्ठ हैं अखंड है जो अजन्मे हैं जो सहस्त्र सूर्य के सामान प्रकाशवान हैं जिनके पास त्रिशूल हैं जिनका कोई मूल नहीं हैं जिनमे किसी भी मूल का नाश करने की शक्ति हैं ऐसे त्रिशूल धारी माँ भगवती के पति जो प्रेम से जीते जा सकते हैं उन्हें मैं वन्दन करता हूँ |
जो काल के बंधे नहीं हैं, जो कल्याणकारी हैं, जो विनाशक भी हैं,जो हमेशा आशीर्वाद देते है और धर्म का साथ देते हैं , जो अधर्मी का नाश करते हैं, जो चित्त का आनंद हैं, जो जूनून हैं जो मुझसे खुश रहे ऐसे भगवान जो कामदेव नाशी हैं उन्हें मेरा प्रणाम |
जो यथावत नहीं हैं, ऐसे उमा पति के चरणों में कमल वन्दन करता हैं ऐसे भगवान को पूरे लोक के नर नारी पूजते हैं, जो सुख हैं, शांति हैं, जो सारे दुखो का नाश करते हैं जो सभी जगह वास करते हैं |
मैं कुछ नहीं जानता, ना योग, न जप न ही पूजा, हे देव मैं आपके सामने अपना मस्तक हमेशा झुकाता हूँ, सभी संसारिक कष्टों, दुःख दर्द से मेरी रक्षा करे. मेरी बुढ़ापे के कष्टों से से रक्षा करें | मैं सदा ऐसे शिव शम्भु को प्रणाम करता हूँ |
Rudrashtakam Pdf
Rudrashtakam Benefits
शिव जी को सभी देवों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। इसलिए उन्हें देवों के देव महादेव कहा जाता है। शिव जी का स्वरूप बड़ा ही सरल माना जाता है। वे आसानी से प्रसन्न हो जाने वाले देवता हैं। यदि कोई भक्त श्रद्धा पूर्वक उन्हें केवल एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव शंकर की पूजा करने से जातक को जीवन में कभी भी सुखों की कमी महसूस नहीं होती है। वहीं यदि आप शिव जी की विशेष कृपा पाना चाहते हैं ‘श्री शिव रूद्राष्टकम’ का पाठ जरूर करें। ‘शिव रुद्राष्टकम‘ अपने-आप में अद्भुत स्तुति है। इसके पाठ से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। यहां श्री शिव रूद्राष्टकम स्तुति, इसका हिंदी अर्थ और महत्व दिए जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप इसका पाठ कर सकते हैं…
FAQ
रुद्राष्टकम पढ़ने से क्या फायदा होता है?
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शास्त्रों में उल्लेख है कि शिव रुद्राष्टकम पाठ के नियमित जाप से सभी संकट पल भर में दूर हो जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि शिव रुद्राष्टकम पाठ करने से महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. शिव रुद्राष्टकम पाठ करने से जीवन आनंदमय बना रहता है और व्यक्ति के मनोबल व सौभाग्य में वृद्धि होती है.
रुद्राष्टकम का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
रुद्राष्टकम मंज्ञ का महत्व
शास्त्रों में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने शत्रुओं से परेशान है तो यह पाठ उसे शत्रुओं से मुक्ति दिलाता है। इसके लिए कुशा के आसन पर बैठकर लगाता 7 दिनों तक सुबह शाम ‘रुद्राष्टकम’ स्तुति का पाठ करें।
क्या महिलाएं शिव रुद्राष्टक का पाठ कर सकते हैं?
महिलाओं को भी इसे करना वर्जित है। वो इसलिए क्योंकि रुद्री पाठ केवन जनेउ धारी व्यक्ति द्वारा किया जाता है। पुरुषों में भी ये पाठ केवल जनेउ धारी पुरुषों द्वारा किया जाना चाहिए। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि के दिन सुबह 11:18 मिनट तक परिघ योग रहेगा।
रुद्राभिषेक करते समय कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?
शक्तिशाली मंत्र का जापधार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को जल अर्पित करते समय इस बेहद शक्तिशाली मंत्र का जाप करना शुभ और लाभकारी माना जाता है. ‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात