Rudraashtakam lyrics: बहुम चमत्कारी है ‘रुद्राष्टकम स्त्रोत्र’, शत्रुओं का होगा विनाश, श्रीराम ने भी किया था पाठ

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Rudraashtakam lyrics: इस ब्लॉग में सुनें प्रसिद्द रचना – Shiv rudrashtakam – जो भगवान शिव के अनेक गुणों की चर्चा करती है। इसमें हम rudrashtakam lyrics in hindi मे रुद्राष्टक का अर्थ सहित वर्णन हे । इसमें shiv rudrashtakam pdf भी आप डाउनलोड करके पढ़ सकते हो । rudrashtakam path करणे से एसके rudrashtakam benefits होंगे ।

Rudrashtakam Lyrics In Hindi

कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी

न जानामि योगं जपं नैव पूजां
नतोहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो

जिनका कोई आकार नहीं, जो ॐ के मूल हैं, जिनका कोई राज्य नहीं, जो गिरी के वासी हैं, जो कि सभी ज्ञान, शब्द से परे हैं, जो कि कैलाश के स्वामी हैं, जिनका रूप भयावह हैं, जो कि काल के स्वामी हैं, जो उदार एवम् दयालु हैं, जो गुणों का खजाना हैं, जो पुरे संसार के परे हैं उनके सामने मैं नत मस्तक हूँ |

जिनके कानों में बालियाँ हैं, जिनकी सुन्दर भौंहें और बड़ी-बड़ी आँखे हैं जिनके चेहरे पर सुख का भाव हैं जिनके कंठ में विष का वास हैं जो दयालु हैं, जिनके वस्त्र शेर की खाल हैं, जिनके गले में मुंड की माला हैं ऐसे प्रिय शंकर पुरे संसार के नाथ हैं उनको मैं पूजता हूँ |

जो काल के बंधे नहीं हैं, जो कल्याणकारी हैं, जो विनाशक भी हैं,जो हमेशा आशीर्वाद देते है और धर्म का साथ देते हैं , जो अधर्मी का नाश करते हैं, जो चित्त का आनंद हैं, जो जूनून हैं जो मुझसे खुश रहे ऐसे भगवान जो कामदेव नाशी हैं उन्हें मेरा प्रणाम |

मैं कुछ नहीं जानता, ना योग, न जप न ही पूजा, हे देव मैं आपके सामने अपना मस्तक हमेशा झुकाता हूँ, सभी संसारिक कष्टों, दुःख दर्द से मेरी रक्षा करे. मेरी बुढ़ापे के कष्टों से से रक्षा करें | मैं सदा ऐसे शिव शम्भु को प्रणाम करता हूँ |

शिव जी को सभी देवों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है। इसलिए उन्हें देवों के देव महादेव कहा जाता है। शिव जी का स्वरूप बड़ा ही सरल माना जाता है। वे आसानी से प्रसन्न हो जाने वाले देवता हैं। यदि कोई भक्त श्रद्धा पूर्वक उन्हें केवल एक लोटा जल भी अर्पित कर दे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव शंकर की पूजा करने से जातक को जीवन में कभी भी सुखों की कमी महसूस नहीं होती है। वहीं यदि आप शिव जी की विशेष कृपा पाना चाहते हैं ‘श्री शिव रूद्राष्टकम’ का पाठ जरूर करें। ‘शिव रुद्राष्टकम‘ अपने-आप में अद्भुत स्तुति है। इसके पाठ से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। यहां श्री शिव रूद्राष्टकम स्तुति, इसका हिंदी अर्थ और महत्व दिए जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप इसका पाठ कर सकते हैं…

रुद्राष्टकम पढ़ने से क्या फायदा होता है?

शास्त्रों में उल्लेख है कि शिव रुद्राष्टकम पाठ के नियमित जाप से सभी संकट पल भर में दूर हो जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि शिव रुद्राष्टकम पाठ करने से महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. शिव रुद्राष्टकम पाठ करने से जीवन आनंदमय बना रहता है और व्यक्ति के मनोबल व सौभाग्य में वृद्धि होती है.

रुद्राष्टकम का पाठ कितनी बार करना चाहिए?

रुद्राष्टकम मंज्ञ का महत्व

शास्त्रों में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति अपने शत्रुओं से परेशान है तो यह पाठ उसे शत्रुओं से मुक्ति दिलाता है। इसके लिए कुशा के आसन पर बैठकर लगाता 7 दिनों तक सुबह शाम ‘रुद्राष्टकम’ स्तुति का पाठ करें।

क्या महिलाएं शिव रुद्राष्टक का पाठ कर सकते हैं?

महिलाओं को भी इसे करना वर्जित है। वो इसलिए क्योंकि रुद्री पाठ केवन जनेउ धारी व्यक्ति द्वारा किया जाता है। पुरुषों में भी ये पाठ केवल जनेउ धारी पुरुषों द्वारा किया जाना चाहिए। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि के दिन सुबह 11:18 मिनट तक परिघ योग रहेगा।

रुद्राभिषेक करते समय कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?

शक्तिशाली मंत्र का जापधार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को जल अर्पित करते समय इस बेहद शक्तिशाली मंत्र का जाप करना शुभ और लाभकारी माना जाता है. ‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात

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