महाकाल शायरी संग्रह | Mahakal Shayari in Hindi, यहाँ आपके लिए पेश है 15 दमदार “महाकाल शायरी”, Mahakal Shayari Collection
हर पंक्ति में भक्ति का जोश, विश्वास की गर्जना और महादेव की शक्ति का एहसास है।
ब्लॉग, इंस्टाग्राम, यूट्यूब शॉर्ट्स या पोस्ट के लिए एकदम PERFECT हैं👇
Mahakal Shayari Collection
न डर तू किसी हाल में,
महाकाल खड़े हैं तेरे ख्याल में। 🔱
जो महाकाल का नाम लेता है,
वो मौत को भी मात देता है। 💀
भस्म लेप है तन पे, जटा में गंगा धार,
महाकाल का भक्त हूँ मैं, नहीं किसी से दरकार। 🔥
समय रुके या चले, फर्क नहीं पड़ता,
महाकाल की कृपा हो तो नसीब पलटता। ⏳
महाकाल की भक्ति में जो खो गया,
वो संसार की हर चिंता से सो गया। 🌑
शिव के चरणों में जो समा गया,
वो खुद त्रिकाल का ज्ञाता बन गया। 🕉️
ना तख्त चाहिए, ना ताज चाहिए,
मुझे तो बस महाकाल का राज चाहिए। 👑
महाकाल की नगरी है बेमिसाल,
यहाँ हर भक्त है खुद में कमाल। 🌪️
कपाल पे भभूति, ललाट पे तिलक,
महाकाल की भक्ति से जीवन हो चकाचक। 🌋
जो झुक गया महाकाल के चरणों में,
वो उठ गया दुनिया के भ्रमों में। 🌘
मौत को भी मज़ा आता है,
जब महाकाल का दीवाना मुस्कराता है। 💀🔥
भक्ति में है शक्ति, शक्ति में है काल,
काल में भी जो अडिग रहे — वही महाकाल! ⚡
ना पूजा की ज़रूरत, ना ध्यान की आस,
महाकाल के नाम से ही मिलता है विश्वास। 🙏
हर सांस में “हर हर महादेव” गूँजता है,
यही तो जीवन का सच्चा सौंदर्य है। 🌿
जब महाकाल साथ हों,
तो डर कैसा और क्यों हों। 🔱💪
ना ताज चाहिए, ना शाही मुकाम,
बस महाकाल का नाम रहे मेरे साथ हर शाम।
महादेव की माया से कोई बच नहीं सकता,
जिसे वो थाम लें उसे कोई हरा नहीं सकता।
भोले की भक्ति में ऐसा रंग चढ़ा,
अब हर सांस में सिर्फ “हर हर महादेव” गूंजा।
ना डर किसी काल का, ना चिंता किसी हाल की,
साथ मेरे महाकाल हैं, कृपा इन बेमिसाल की।
भस्म से सजी ये जटाएं, आंखों में चमक बिजली की,
महाकाल तेरे भक्तों की पहचान अलग होती है दुनिया की।
साँसों में शिव, दिल में भक्ति,
महाकाल की लीला ही है सबसे सच्ची शक्ति।
जब भी दुःख बढ़ता है संसार में,
महादेव मुस्कुरा देते हैं मेरे विचार में।
कर्म कर, फल की चिंता छोड़ दे,
महाकाल सबका लेखा जोड़ दे।
हर हार में जीत की उम्मीद रख,
क्योंकि महाकाल तेरे साथ हैं सदा निःस्वार्थ।
ना हीरे चाहिए, ना सोना,
बस महाकाल का नाम हो, यही है मेरा कोना।
शिव का नाम लो तो मन शांत हो जाए,
हर पीड़ा पल में समाप्त हो जाए।
महाकाल का भक्त हूँ मैं,
मौत भी मुझसे मिलने से डरती है।
ना मन्दिर चाहिए, ना धाम,
दिल में बसा महाकाल का नाम।
महादेव के चरणों में जो झुका,
उसका हर संकट पल में रुका।
भक्ति मेरी सच्ची है, दिखावा नहीं,
महाकाल मेरे साथ हैं, कोई परछाई नहीं।
