तारक मंत्र: मोक्ष और मुक्ति का मार्ग | हिंदू धर्म में कई ऐसे मंत्र हैं जो आत्मा को ईश्वर से जोड़ने का मार्ग दिखाते हैं। उनमें से एक है — “तारक मंत्र”।
“तारक” शब्द का अर्थ है — ‘जो तार दे’, यानी जो आत्मा को जन्म-मरण के चक्र से पार कर दे।
यह मंत्र भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को समर्पित है, जो मोक्ष और मुक्ति के देवता माने जाते हैं।
तारक मंत्र क्या है? | tarak mantra
मूल मंत्र:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
यह मंत्र भगवान श्रीकृष्ण के नामों में से एक है। “वासुदेव” शब्द का अर्थ है — जो सर्वव्यापक हैं, जो हर हृदय में विद्यमान हैं।
मंत्र का अर्थ (Meaning in Hindi)
- ॐ — ब्रह्म का प्रतीक, सृष्टि की मूल ध्वनि
- नमो — नमस्कार, श्रद्धा और समर्पण
- भगवते — भगवान को संबोधित
- वासुदेवाय — श्रीकृष्ण या विष्णु, जो समस्त जीवों में व्याप्त हैं
➡️ संपूर्ण अर्थ:
“हे सर्वव्यापक भगवान वासुदेव! आपको मेरा नमस्कार है।”
मंत्र जाप का महत्व
तारक मंत्र का जाप साधक को सांसारिक मोह, भय और चिंता से मुक्त करता है।
यह मंत्र मृत्यु के समय भी अत्यंत शुभ माना गया है क्योंकि यह आत्मा को ईश्वर की शरण में ले जाता है।
इस मंत्र का जाप करने से:
- मन की अशांति दूर होती है
- आत्मा को शुद्धता मिलती है
- भय, दुख और पापों से मुक्ति मिलती है
- ईश्वर के प्रति भक्ति और समर्पण बढ़ता है
जाप विधि (How to Chant the Mantra)
- सुबह स्नान कर शुद्ध वस्त्र पहनें।
- भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
- 108 बार “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- रुद्राक्ष या तुलसी माला का प्रयोग करें।
- अंत में प्रसाद अर्पित करें और कुछ क्षण ध्यान करें।
तारक मंत्र के लाभ (Benefits)
- मोक्ष की प्राप्ति: यह मंत्र जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति का मार्ग दिखाता है।
- मन की शांति: मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति प्रदान करता है।
- पापों का क्षय: नकारात्मक ऊर्जा और पाप कर्मों का प्रभाव कम करता है।
- भय से मुक्ति: मृत्यु या अनिश्चितता का भय दूर होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: व्यक्ति ईश्वर के निकट पहुँचता है।
तारक मंत्र और मृत्यु के समय
पुराणों के अनुसार, मृत्यु के क्षणों में यदि व्यक्ति यह मंत्र जपता है, तो उसकी आत्मा सीधे भगवान विष्णु के लोक में पहुँचती है। इसलिए इसे “मृत्युतारण मंत्र” भी कहा गया है।
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” केवल एक मंत्र नहीं, बल्कि मोक्ष का द्वार है।
यह आत्मा को परमात्मा से जोड़ने वाला मार्ग है जो व्यक्ति को भय, दुख और मोह से मुक्त कर देता है।
